हरदोई की चिकित्सा पद्धति में अल्ट्रासाउंड सेन्टरों की भरमार जनमानस की अनमोल जानों से कर रहे खिलवाड़
हरदोई आधुनिक युग में बिमारी का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक यंत्रों का चलन जीवन के लिए वरदान स्वरुप है।मगर ऐसा तभी सम्भव है जब यंत्रों का प्रयोग एक कुशल मास्टर द्वारा किया जाता है।वरना नीम हकीम खतरा जान और नीम उस्ताद खतरा ईमान की तरह अल्ट्रासाउंड मशीनों पर बैठे कन्स्लटैन्ट ले लेंगे इन्सान की जान।बता दें कि हरदोई के धर्मशाला रोड पर नटवीर पुलिया के पास संगम डायग्नॉस्टिक सेन्टर में लखनऊ अल्ट्रासाउंड के नाम से डाॅ हरवीर सिंह सोनोग्राफी स्कैन करते हैं जहां बीते माह 15 मार्च 2023 को शहर की प्रख्यात लेडी डाॅ कीर्ती कटियार के रेफरेंस पर एक महिला के किए गए पेट के अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट में सोनोग्राफी मास्टर डाॅ हरवीर सिंह ने दायीं और बायीं दोनो ओवेरियन में सिस्ट (गाँठ) होने की रिपोर्ट दी।सन्देह के कारण बिना उपचार कराए उस महिला के पति डी डी शुक्ला ने वैटगंज हरदोई में स्थित नवनीत अल्ट्रासाउंड सेंटर पर 19मार्च को व सर्कुलर रोड पर स्थित कटियार अल्ट्रासाउंड सेंटर में 20 मार्च को तथा संगम डायग्नॉस्टिक सेन्टर पर पुनः 25मार्च को पत्नी के पेट का सीटी स्कैन करवाया।अब अन्य सभी अल्ट्रासाउंड सेन्टर से कराए गए एक-एक अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट नार्मल तथा संगम डायग्नॉस्टिक सेन्टर में लखनऊ अल्ट्रासाउंड से दो बार स्कैनिंग होने पर भी एक ही बिमारी की रिपोर्ट का आना अल्ट्रासाउंड व सीटी स्कैन कन्स्लटैन्ट की रिपोर्टों पर सवालिया आरोपों के घेरे में ले रहा है।आखिर महिला का उपचार किस अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट को सही मानकर किया जाए इसके लिए उसे या तो चिकित्सक के कहने पर और जाँचे कराने के लिए और अधिक जेब ढीली करनी होगी या फिर संगम डायग्नॉस्टिक सेन्टर की रिपोर्ट सही मानकर उपचार कराएँ तो क्या गारन्टी कि महिला की अनमोल जान जोखिम में पड़ जाए?इसलिए पीड़िता के पति ने तीनों अल्ट्रासाउंड की सोनोग्राफी कॉपी जिला चिकित्सा अधिकारी के समक्ष भेजकर सही गलत रिपोर्ट की जानकारी चाही है,तथा साथ ही गलत रिपोर्ट साबित होने वाले सेन्टर को सील कर सरकार का जीएसटी शुल्क चोरी करने वाले डायग्नोस्टिक सेंटरो पर कानूनी कार्रवाई करने की भी माँग की है,जोकि जनहित में यथोचित है।